पत्नी के बीमार होने पर अगर पति उसका सीर सहला दे तो वो गुलामी नहीं होती।
पत्नी के बीमार होने पर अगर पति उसका सीर सहला दे तो वो गुलामी नहीं होती।
अगर पत्नी बच्चों का टिफिन बना रही है तो अगर पति बच्चों के बाल बना दे तो वो गुलामी नहीं होती।
कभी पत्नी की बात दिल से सुने के वो क्या कहना चाहती है तो वो गुलामी नहीं होती।
पति नहाने के बाद गीला तौलिया बिस्तर पर डालने की जगह किसी जगह टांग दे तो वो गुलामी नहो होती है।
पति की छुट्टी होने पर पति पत्नी
के
साथ घर के छोटे मोटे काम में हाथ बटा दे तो वो गुलामी नहीं होती।
काम से लौटने पर पत्नी के लिए उसकी मन पसंद चीज ले आये तो वो गुलामी नहीं होती।
पत्नी अगर सफाई में लगी है पति अपने साथ उसकी भी चाय बना दे तो वो गुलामी नहीं होती।
ऐसी ही छोटी-छोटी बातों को पति लोग सिर्फ इसलिए नजर अंदाज कर देते हैं कि कहीं किसी ने देख लिया तो जोरू का गुलाम कहेगा।
आपकी जिंदगी है, आप की पत्नी है, उसकी सारी जिम्मेदारियां आपकी हैं, लोगों की परवाह ना करें।
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